कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के दो दिन के उत्तर प्रदेश दौरे के बाद पार्टी 12000 किलोमीटर की प्रतिज्ञा यात्रा की तैयारियों में जुट गई है. इस यात्रा को पूर्वांचल,कांग्रेसनिकालरहीकिमीलंबीप्रतिज्ञायात्राजानिएक्याहैमकसद मध्यांचल पश्चिमांचल और बुंदेलखंड से बराबर निकाला जाएगा. आईए जानते हैं कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की इस यात्रा के क्या मायने हैं.उत्तर प्रदेश में होने वाले चुनाव के ठीक पहले कांग्रेस एक 12000 किलोमीटर की प्रतिज्ञा यात्रा निकाल रही है. इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय सचिव और इलेक्शन कमेटी के सदस्यों को दी गई है. यह यात्रा 4 राष्ट्रीय सचिव और इलेक्शन कमेटी के लोगों में बांट के अलग-अलग क्षेत्र से आगे बढ़ेगी.कांग्रेस प्रवक्ता सचिन रावत के मुताबिक, कांग्रेस की मेनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन सलमान खुर्शीद और इस कमेटी में सदस्य सुप्रिया श्रीनेते भी इस यात्रा के जरिए लोगों तक भी पहुंचेंगे. इस यात्रा के माध्यम से लोगों के मूल मुद्दों को जानकर पार्टी मेनिफेस्टो में शामिल किया जाएगा.जाहिर है, यह यात्रा जनता तक पहुंचेगी, उनके असल मुद्दों को जानने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही विपक्षियों के सियासी दांव पेंच और हर नीति को देखते हुए कांग्रेस अपना मेनिफेस्टो तैयार करेगी.कांग्रेस के मुताबिक, अभी इस यात्रा की तारीख का ऐलान नहीं किया गया है. लेकिन 21 सितंबर से 9 अक्टूबर के बीच में यह यात्रा बुंदेलखंड पश्चिमांचल मध्यांचल पूर्वांचल से एक साथ निकाली जाएगी, जिसमें हजारों की तादाद में कार्यकर्ता, न्याय पंचायत सदस्य, ग्राम सभा सदस्य मौजूद रहेंगे. असल तौर पर यात्रा का मकसद आम जनता के घरों तक पहुंचना और उनके मुद्दों को, उनकी तकलीफों को, उनकी जरूरतों को सुनना और उन्हें पार्टी की नीतियों के बारे में बताना है.सचिन के मुताबिक, कांग्रेस ने इस यात्रा के लिए तकरीबन ढाई लाख बुकलेट छपवाई हैं. प्रचार प्रसार की सामग्री के रूप में बुकलेट, जिसमें बसपा, भाजपा और अन्य दलों की गलत नीतियों को उजागर किया गया है. इन ढाई लाख प्रतियों को इस यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के नागरिकों के घर तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी. महंगाई भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ अपराध, बेरोजगारीं, किसानों के मुद्दों को भी कांग्रेस इस यात्रा के जरिए जन जन पहुंचाएगी.कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी इस यात्रा में किसी भी जगह जॉइन करेंगी, यात्रा के जरिए सबसे बड़ी कवायद उन पुराने कांग्रेस नेताओं के घर भी जाना होगा जिन्होंने किसी वजह से कांग्रेस छोड़ दी या निष्क्रिय हैं. ऐसे में यात्रा के जरिए उन पुराने नेताओं को साधने की कोशिश की जाएगी, जो नाराज माने जाते हैं. जरूरत पड़ी तो कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी खुद उनके घर जाएंगी. और उनसे कांग्रेस के साथ जुड़कर काम करके पार्टी को मजबूत करने में आगे आने के लिए कहेंगी. कांग्रेस की इलेक्शन मैनेजमेंट टीम ने हर विधानसभा पर काम करना शुरू कर दिया है.